हरियाणा सरकार ने बागवानी किसानों के हित में भावांतर भरपाई योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 21 प्रमुख फलों और सब्जियों के लिए एक न्यूनतम मूल्य (संरक्षित मूल्य) तय किया गया है। अगर बाजार में इन उत्पादों के दाम गिर जाते हैं और यह निर्धारित मूल्य से नीचे चले जाते हैं, तो सरकार उस अंतर की भरपाई करेगी।
टमाटर जैसी फसलों की कीमतों में गिरावट से परेशान किसानों के लिए यह योजना आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। इससे किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से राहत मिलेगी और उनकी आय में स्थिरता बनी रहेगी।
भावांतर भरपाई योजना हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को बाजार मूल्य में होने वाले नुकसान से बचाना है।
इस योजना के तहत –
इस योजना के अंतर्गत 21 फलों और सब्जियों को शामिल किया गया है –
सब्जियां: टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, लौकी, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, मूली, हल्दी, लहसुन।
फल: किन्नू, अमरूद, आम, बेर, लीची।
सरकार द्वारा इन उत्पादों के लिए एक निश्चित मूल्य तय किया गया है, ताकि बाजार में मूल्य गिरने की स्थिति में किसानों को नुकसान न हो।
अगर आप भावांतर भरपाई योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको पंजीकरण करवाना होगा।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए:
हरियाणा सरकार की भावांतर भरपाई योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है। इससे न केवल उन्हें मूल्य में गिरावट का नुकसान झेलने से बचाया जाएगा, बल्कि उनकी आय में भी स्थिरता आएगी। अगर आप सब्जी या फल उत्पादक किसान हैं, तो इस योजना का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द ऑनलाइन पंजीकरण करवाएं और अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त करें।