बिहार सरकार दे रही है फलों की खेती और सिंचाई पर 75% सब्सिडी – जल्दी करें आवेदन

बिहार सरकार दे रही है फलों की खेती और सिंचाई पर 75% सब्सिडी – जल्दी करें आवेदन

फलों की खेती

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कृषि दुनिया
  • 17 Apr, 2025 10:49 AM IST ,
  • Updated Thu, 17 Apr 2025 03:15 PM

बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए एक बेहद फायदे की योजना शुरू की है। इस योजना के तहत आम, लीची, केला और पपीता जैसी फलों की खेती करने वाले किसानों को 50% से लेकर 75% तक सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही सिंचाई की आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर पर भी सरकार द्वारा 80% तक अनुदान दिया जा रहा है।

यह योजना राज्य समेकित बागवानी विकास मिशन और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत क्रियान्वित की जा रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य कृषि उत्पादन बढ़ाना, खेती की लागत घटाना और किसानों की आमदनी दोगुनी करना है।

बागवानी योजनाओं की विशेषताएं Features of Gardening Schemes:

बिहार सरकार का मानना है कि फलों की खेती न केवल किसानों को पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक आमदनी देती है, बल्कि इसमें जोखिम भी अपेक्षाकृत कम होता है। इसलिए सरकार ने कुछ चुनिंदा फसलों पर विशेष आर्थिक सहायता देने की पहल की है।

किस फसल पर कितनी सब्सिडी How much subsidy on which crop?

फसल का नामप्रति हेक्टेयर लागतसब्सिडी (%)किसानों को मिलने वाली राशि
आम₹2,00,00050%₹1,00,000
लीची₹2,00,00050%₹1,00,000
केला₹60,00075%₹45,000
पपीता₹60,00075%₹45,000

इन आंकड़ों से साफ है कि बागवानी फसलों की ओर बढ़ने वाले किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिल सकता है।

सूक्ष्म सिंचाई पर भी भारी सब्सिडी Heavy subsidy on micro irrigation too:

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के अंतर्गत, किसान ड्रिप (Drip) और स्प्रिंकलर (Sprinkler) जैसी आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपनाकर जल की बचत और फसल की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। इन तकनीकों पर 80% तक सब्सिडी दी जा रही है।

इस तकनीक के लाभ:

  • पानी की बर्बादी नहीं होती
  • कम पानी में अधिक फसल संभव
  • पौधों को नियमित रूप से नमी मिलती है
  • उर्वरकों का कुशल उपयोग होता है
  • फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि

किसान कैसे लें इस योजना का लाभ?

सरकार द्वारा घोषित इन योजनाओं का लाभ पाने के लिए किसान को कुछ जरूरी पात्रता शर्तें पूरी करनी होंगी।

पात्रता:

  • आवेदक बिहार राज्य का स्थायी निवासी हो
  • किसान के नाम पर कृषि भूमि हो
  • बागवानी फसलों की खेती करने का इच्छुक हो
  • ड्रिप/स्प्रिंकलर सिस्टम स्थापित करने की योजना हो

आवेदन प्रक्रिया:

  • किसान को DBT बिहार कृषि पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
  • आधार, भूमि रसीद, बैंक पासबुक, फोटो जैसे दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
  • कृषि पदाधिकारी से सत्यापन के बाद अनुदान की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में भेजी जाएगी।

सरकारी बयान और किसानों के लिए संदेश:

बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि ये योजनाएं किसानों की आमदनी बढ़ाने, कृषि लागत घटाने और रोजगार सृजन की दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं। उनका कहना है कि सरकार चाहती है कि राज्य के अधिक से अधिक किसान फलों की खेती और माइक्रो इरिगेशन तकनीक को अपनाएं।

“बागवानी किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है, और राज्य को फलों के उत्पादन में अग्रणी बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम है।”

बागवानी खेती क्यों है फायदेमंद?

  • निरंतर बाजार मांग
  • बेहतर मूल्य और प्रोसेसिंग की संभावना
  • कम जोखिम, अधिक मुनाफा
  • सरकार की सीधी सब्सिडी सहायता
  • रोजगार के नए अवसर

बिहार सरकार की ये योजनाएं किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर हैं। फलों की खेती पर मिल रही भारी सब्सिडी और आधुनिक सिंचाई तकनीक पर प्रोत्साहन से खेती में क्रांति लाई जा सकती है। यदि आप भी बागवानी की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं तो आज ही आवेदन करें और इन लाभों का भरपूर फायदा उठाएं।

"कम लागत, ज्यादा मुनाफा – अब किसान बनाएं बागवानी को आय का स्थायी स्रोत!"

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