अगर आप मुर्गीपालन का व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह एक शानदार मौका है। बिहार सरकार की एक नई योजना के तहत ब्रायलर ब्रीडिंग फार्म सह हैचरी प्लांट की स्थापना के लिए किसानों को अनुदान (सब्सिडी) दी जा रही है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को अधिकतम 1 करोड़ 40 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
आज के समय में मुर्गीपालन एक लाभकारी व्यवसाय बन चुका है। मुर्गियों से दो तरीके से आय होती है—एक अंडों के माध्यम से और दूसरी उनके मांस के रूप में। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में चिकन की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में पोल्ट्री फार्म खोलना एक कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन गया है।
इस योजना का उद्देश्य बिहार राज्य को ब्रायलर चूजा और फर्टाइल अंडा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके साथ ही योजना का लक्ष्य राज्य में पशु आधारित प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ाना और रोजगार के नए अवसर सृजित करना भी है। इसके लिए सरकार ने योजना पर कुल 1170 लाख रुपये का बजट तय किया है।
इस योजना का लाभ बिहार राज्य के सभी वर्गों के किसान उठा सकते हैं। सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लाभार्थियों को अलग-अलग प्रतिशत में सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
कितनी सब्सिडी मिलेगी?
इस योजना के तहत 10,000 क्षमता के ब्रायलर ब्रीडिंग फार्म, हैचरी प्लांट और फीड मिल की स्थापना पर कुल लागत ₹3.50 करोड़ मानी गई है। इसी लागत पर निम्नलिखित अनुसार सब्सिडी दी जाएगी:
आवेदन कैसे करें और अंतिम तिथि क्या है?
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लाभार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन बिहार पशुपालन निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट state.bihar.gov.in/ahd पर जाकर किया जा सकता है। आवेदन की अंतिम तिथि 13 अप्रैल 2025 तक है।
अगर आप खेती-बाड़ी से जुड़ा नया और लाभदायक व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो मुर्गीपालन एक बेहतरीन विकल्प है। बिहार सरकार की इस योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी से आप अपने व्यवसाय की मजबूत नींव रख सकते हैं। समय पर आवेदन करें और इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं।