Fish farming: मछली पालन के लिए सरकार दे रही 60% तक अनुदान, जानें कैसे उठाएं फायदा!

Fish farming: मछली पालन के लिए सरकार दे रही 60% तक अनुदान, जानें कैसे उठाएं फायदा!

मछली पालन के लिए सरकार की नई योजना

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कृषि दुनिया
  • 25 Feb, 2025 10:55 AM IST ,
  • Updated Wed, 26 Feb 2025 02:52 PM

देश में कृषि और पशुपालन के अलावा अब मछली पालन एक नए और लाभदायक व्यवसाय के रूप में उभर रहा है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में अब किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए मछली पालन को अपनाने लगे हैं। यह व्यवसाय कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला साबित हो रहा है।

राजस्थान सरकार भी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों और ग्रामीणों को 40% से 60% तक अनुदान दे रही है। इस योजना के तहत किसान अपनी निजी जमीन पर तालाब बनाकर मछली पालन कर सकते हैं और अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।

मछली पालन के लिए सरकारी अनुदान:

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत मछली पालन करने के इच्छुक अनुसूचित जाति (SC), जनजाति (ST) और महिला लाभार्थियों को 60% तक अनुदान मिलेगा। वहीं सामान्य और ओबीसी (OBC) कैटेगरी के लाभार्थियों को 40% तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

यदि कोई व्यक्ति 1 हेक्टेयर का तालाब बनाता है, तो उसकी कुल लागत लगभग 11 लाख रुपये तक आती है। इसमें से अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला पालकों को 6.60 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा, जबकि सामान्य एवं ओबीसी पालकों को 4.40 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

अगर कोई 2 हेक्टेयर का तालाब बनवाता है, तो अनुदान राशि दोगुनी हो जाएगी। यानी, अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला पालकों को 13.20 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा, जबकि सामान्य व ओबीसी वर्ग के पालकों को 8.80 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।

तालाब निर्माण और मछली पालन की प्रक्रिया:

मछली पालन करने के लिए किसानों को अपनी निजी जमीन पर 1 से 2 हेक्टेयर में तालाब बनाना होगा। तालाब की खुदाई लगभग 6 फीट गहरी की जाती है। मछली पालन के लिए पानी में नाइट्रेट की उचित मात्रा बनाए रखना जरूरी होता है।

तालाब के निर्माण के बाद इसमें कतला, रोहू और मृगल जैसी मछलियों का पालन किया जा सकता है। ये मछलियां तेजी से बढ़ती हैं और इनकी बाजार में अच्छी मांग रहती है।

कैसे करें आवेदन?

इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति को एसएसओ आईडी के माध्यम से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके अलावा, ई-मित्र केंद्र के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है।

मछली पालन से होने वाली आमदनी:

मछली पालन करने से हर साल 1 से 2 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है। यह आमदनी तालाब के आकार, मछलियों की संख्या और बाजार दरों पर निर्भर करती है।

अगर कोई व्यक्ति 2 हेक्टेयर में मछली पालन करता है, तो उसकी सालाना आमदनी 3 से 5 लाख रुपये तक हो सकती है। अच्छी देखभाल और सही तकनीकों का उपयोग कर इससे 10 लाख तक की भी कमाई संभव है।

मछली पालन के फायदे:

  1. कम लागत में अधिक मुनाफा: यह व्यवसाय अन्य कृषि कार्यों की तुलना में कम लागत में अधिक आमदनी देता है।
  2. सरकार की सहायता: केंद्र और राज्य सरकारें अनुदान देकर मछली पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं।
  3. तेजी से बढ़ती मांग: मछलियों की मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे यह एक सुनिश्चित आय वाला व्यवसाय बन जाता है।
  4. कम संसाधनों की जरूरत: इसमें पानी, चारा और सही देखभाल से ही उत्तम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया:

  1. ई-मित्र केंद्र या एसएसओ आईडी के माध्यम से पीएमएमएसवाई पोर्टल पर लॉगिन करें।
  2. योजना से संबंधित आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  3. आवेदन की ऑनलाइन जांच मत्स्य विभाग द्वारा की जाएगी और स्वीकृति मिलने के बाद इसे जयपुर स्थित निदेशालय भेजा जाएगा।
  4. स्वीकृति मिलने के बाद लाभार्थी को अपनी निजी जमीन में तालाब बनाना होगा।
  5. तालाब निर्माण पूरा होने के बाद जिओ-टैगिंग प्रमाण (Geo-Tagging Proof) भेजने पर अनुदान की राशि लाभार्थी के खाते में जमा की जाएगी।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:

यदि आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो राजस्थान मत्स्य विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800 180 5661 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

अगर आप भी मछली पालन से अच्छी आमदनी कमाना चाहते हैं, तो यह एक शानदार अवसर है। सरकारी अनुदान का लाभ उठाकर आप भी इस व्यवसाय में सफल हो सकते हैं और लखपति बन सकते हैं!

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