Cold Wave Alert: ठंड का कहर आने वाला है! IMD ने दी बड़ी चेतावनी — इस बार सर्दी सामान्य से ज्यादा लंबी होगी

Cold Wave Alert: ठंड का कहर आने वाला है! IMD ने दी बड़ी चेतावनी — इस बार सर्दी सामान्य से ज्यादा लंबी होगी

ला नीना अलर्ट

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कृषि दुनिया
  • 11 Nov, 2025 12:20 PM IST ,
  • Updated Fri, 14 Nov 2025 06:07 AM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सर्दी ने दस्तक दे दी है। नवंबर की शुरुआत के साथ ही राज्य के ज्यादातर हिस्सों में ठंडक महसूस की जा रही है। लगातार हो रही हल्की बारिश ने तापमान में गिरावट ला दी है। सुबह-शाम की ठिठुरन अब बढ़ने लगी है और कई इलाकों में घनी धुंध (Fog) दिखने लगी है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस बार की सर्दी सामान्य से ज्यादा ठंडी, लंबी और मुश्किल भरी हो सकती है।

पहाड़ों पर बर्फबारी, मैदानों में असर शुरू

मौसम विशेषज्ञ प्रो. ध्रुव सेन के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों से मौसम का पैटर्न असामान्य रहा है और इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि “ला नीना (La Niña)” की सक्रियता के कारण उत्तर भारत में तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है।
ला नीना के असर से ठंडी हवाएं लंबे समय तक चलेंगी, दिन छोटे होंगे और धूप का समय घटेगा। इसका मतलब है कि सर्दी लंबी खिंच सकती है और ठिठुरन पिछले वर्षों से कहीं ज्यादा महसूस की जाएगी।

उत्तर भारत के राज्यों में पड़ेगा बड़ा असर

ला नीना का सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत के मैदानों में देखने को मिलेगा। दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठंड का असर सामान्य से कई गुना अधिक होगा।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार शीतलहर (Cold Wave) जल्दी शुरू हो सकती है और जनवरी तक इसका असर बना रह सकता है। कोहरे और धुंध के कारण दृश्यता भी घटेगी, जिससे यातायात और स्वास्थ्य दोनों पर असर पड़ सकता है।

कैसे बनता है ला नीना?

ला नीना तब बनता है जब प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) का पानी सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है। इससे वैश्विक वायु प्रवाह और जेट स्ट्रीम में परिवर्तन होता है, जो पूरी दुनिया के मौसम को प्रभावित करता है।
अमेरिका के Climate Prediction Center (CPC) के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर के बीच ला नीना बनने की संभावना 71% है, जबकि दिसंबर से फरवरी के बीच इसके बने रहने की संभावना 54% तक है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी अनुमान जताया है कि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान ला नीना बनने की संभावना 50% से अधिक है।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक अध्ययन?

IISER मोहाली और ब्राजील के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च की एक संयुक्त स्टडी में पाया गया कि ला नीना के दौरान उत्तर भारत में ठंडी हवाएं ज्यादा देर तक चलती हैं, जिससे शीतलहर की अवधि लंबी हो जाती है।
यानी, इस बार की सर्दी न केवल जल्दी दस्तक देगी, बल्कि लंबी और कड़ाके की भी होगी।

सावधान रहें, तैयार रहें

मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को ठंड से बचाव के पूरे इंतजाम कर लेने चाहिए। साथ ही किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे फसलों पर पाला (Frost) से बचाव के उपाय पहले से करें।

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