किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना भारतीय किसानों के लिए सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उन्हें सस्ती ब्याज दरों पर कृषि ऋण उपलब्ध कराती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि कार्यों के लिए संस्थागत ऋण की आसान और सस्ती पहुंच प्रदान करना है। किसानों को इस योजना के तहत समय पर ऋण चुकाने पर ब्याज में छूट भी मिलती है, जिससे वे अपनी वित्तीय जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं। हाल ही में, केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाले ऋण की सीमा को बढ़ाने का ऐलान किया है, जिसके बाद अब किसान 5 लाख रुपए तक का सस्ता ऋण प्राप्त कर सकेंगे। पहले इस सीमा में केवल 3 लाख रुपए तक का ऋण मिल सकता था, लेकिन अब यह राशि बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है, जिससे किसानों को अपनी कृषि जरूरतों के लिए अधिक रकम मिल सकेगी और वे अपनी खेती–किसानी की गतिविधियों को और अधिक सुचारु रूप से चला पाएंगे।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना, 1998 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य किसानों को सस्ते और संस्थागत ऋण की सुविधा प्रदान करना था, ताकि वे अपनी कृषि संबंधित जरूरतों को पूरा कर सकें। यह योजना विशेष रूप से अल्पकालिक ऋणों के लिए है, जो किसानों को उनके कृषि कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं। इस योजना के तहत किसानों को ब्याज दर में छूट और आसान पुनर्भुगतान की सुविधाएं मिलती हैं।
2019 में इस योजना का विस्तार किया गया, जिसमें अब पशुपालन, डेयरी और मछली पालन को भी जोड़ा गया है, ताकि इन क्षेत्रों से जुड़े किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकें। अब किसान केवल कृषि ऋण ही नहीं, बल्कि पशुपालन और मछली पालन से संबंधित खर्चों के लिए भी इस योजना के तहत ऋण प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम किसानों की वित्तीय सहायता को और अधिक बढ़ाता है और उनकी विविध कृषि गतिविधियों में मदद करता है।
इस योजना के तहत किसानों को 1.60 लाख रुपए तक का ऋण बिना किसी गारंटी के मिलता है, जो कि उनके लिए बहुत बड़ी राहत है। इसके अलावा, सरकार बैंकों को 1.5 प्रतिशत की ब्याज छूट देती है, और पशुपालन, डेयरी और मछली पालन के लिए 2 लाख रुपए तक के ऋण पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन दिया जाता है।
केसीसी योजना के तहत किसानों को ऋण पर ब्याज दर में बहुत बड़ी छूट मिलती है। सामान्यत: कृषि ऋण पर बैंक द्वारा ब्याज दर 9 प्रतिशत ली जाती है, लेकिन इस योजना में सरकार के 2 प्रतिशत की छूट के बाद, किसानों को केवल 7 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है। इसके अतिरिक्त, अगर किसान समय पर अपना ऋण चुका देते हैं, तो सरकार उन्हें 3 प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट देती है, जिससे कुल ब्याज दर 4 प्रतिशत तक गिर जाती है।
अब, लिमिट बढ़ाने के बाद, किसान 5 लाख रुपए तक का ऋण केवल 7 प्रतिशत ब्याज दर पर प्राप्त कर सकते हैं, जो पहले 3 लाख रुपए तक के ऋण के लिए लागू था। इससे किसानों को अपनी कृषि गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने के लिए कम ब्याज दर पर अधिक राशि मिल सकेगी।
केसीसी योजना का विस्तार और अधिक किसानों के लिए अवसर: सरकार ने इस योजना के विस्तार के तहत अब 5 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है, जिससे अब और भी किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, योजना में पशुपालन और मछली पालन को जोड़ने से इन क्षेत्रों के किसान भी अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इस योजना का उपयोग कर सकेंगे। इससे देशभर के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा हुआ है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और वे कृषि कार्यों में ज्यादा सफल हो सकते हैं।
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