Mauni Amavasya 2025: कब है मौनी अमावस्या? जानें इस दिन पूजा, स्नान और दान का शुभ मुहूर्त

Mauni Amavasya 2025: कब है मौनी अमावस्या? जानें इस दिन पूजा, स्नान और दान का शुभ मुहूर्त

मौनी अमावस्या

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कृषि दुनिया
  • 28 Jan, 2025 10:57 AM IST ,
  • Updated Tue, 28 Jan 2025 03:00 PM

Mauni Amavasya 2025 Date: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का अत्यंत महत्व है। यह तिथि पवित्रता, पुण्य और पूर्वजों के आशीर्वाद का प्रतीक मानी जाती है। 2025 की पहली अमावस्या माघ महीने में पड़ रही है, जिसे माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है।

इस दिन गंगा स्नान, दान और मौन व्रत का विशेष महत्व है। प्रयागराज का संगम स्नान इस दिन अत्यधिक शुभ और फलदायी माना गया है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन स्नान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

मौनी अमावस्या 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त:

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: 28 जनवरी 2025 को शाम 7:25 बजे।
  • अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 बजे।
  • मौनी अमावस्या का दिन: बुधवार, 29 जनवरी 2025।

स्नान का शुभ मुहूर्त:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:25 से 6:18 तक।
    यह समय गंगा स्नान और पूजा-अर्चना के लिए अत्यधिक शुभ माना गया है।

मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व:

मौनी अमावस्या को गंगा जल के संपर्क में आकर स्नान, दान और ध्यान का दिन माना गया है। गंगा जल को अमृत के समान माना जाता है। स्नान के बाद भगवान विष्णु की आराधना और व्रत का पालन किया जाता है।
मौन व्रत का इस दिन विशेष महत्व है। मौन रहने से आत्मचिंतन और मन की शुद्धि होती है। यह प्रक्रिया आत्मिक उन्नति में सहायक होती है।

मौनी अमावस्या 2025 की पूजन विधि:

1. स्नान का महत्व

  • पवित्र नदी या गंगा में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान स्नान करें।
  • यदि नदी तक नहीं जा सकते, तो घर पर गंगा जल मिलाकर स्नान करें।

2. भगवान विष्णु और तुलसी पूजा

  • स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • तुलसी माता को जल अर्पित करें और उनका आशीर्वाद लें।

3. पितरों की पूजा

  • पितरों के आशीर्वाद के लिए उनका ध्यान करें।
  • जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें।

4. पीपल के पेड़ की पूजा

  • पीपल के पेड़ के चारों ओर दीपक जलाएं और उसकी परिक्रमा करें।
  • इस पूजा से पितृ दोष का निवारण होता है।

मौनी अमावस्या पर दान का महत्व:

दान और पुण्य का इस दिन विशेष महत्व है। गंगा स्नान के बाद किया गया दान कई गुना फलदायी माना जाता है। इस दिन आप भोजन, वस्त्र, धन, और जरूरतमंदों के लिए अन्य सामग्रियां दान कर सकते हैं।

मौनी अमावस्या पर ध्यान और साधना:

मौनी अमावस्या का दिन आत्मनिरीक्षण और साधना के लिए अत्यधिक उपयुक्त है। मौन व्रत रखने से आत्मा की शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है।

मौनी अमावस्या 2025 का यह पावन दिन आत्मिक शुद्धि, पुण्य अर्जन और पितृ कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर है। इस दिन का महत्व केवल धार्मिक गतिविधियों में ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक उन्नति में भी है।
इसलिए, इस शुभ दिन पर स्नान, दान और मौन व्रत का पालन अवश्य करें और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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