PMDDKY: ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरु, जानिए पूरी जानकारी और किसानों को होने वाले फायदे
PMDDKY: ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरु, जानिए पूरी जानकारी और किसानों को होने वाले फायदे
कृषि दुनिया
12 Oct, 2025 01:54 PM IST ,
Updated Sun, 12 Oct 2025 06:17 PM
कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा भरने और किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY)’ की शुरुआत नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) से की है।
इस योजना का उद्देश्य देश के उन 100 आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) को कृषि विकास के मामले में आगे बढ़ाना है, जहां अभी तक उत्पादन क्षमता और संसाधन सीमित रहे हैं।
योजना की मुख्य बातें
यह योजना 2025-26 से 2031 तक, यानी 6 सालों तक लागू रहेगी।
कुल ₹24,000 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है।
इससे 1.7 करोड़ किसानों को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है।
इस योजना के तहत 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एकीकृत (इंटीग्रेट) किया गया है — जिनमें से 19 कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की हैं।
कितने जिलों में लागू होगी योजना?
इस योजना के तहत देशभर के कुल 100 जिलों को शामिल किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं –
उत्तर प्रदेश के 12 जिले: महोबा, सोनभद्र, हमीरपुर, बांदा, जालौन, झांसी, उन्नाव, प्रयागराज, चित्रकूट, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और ललितपुर।
महाराष्ट्र के 9 जिले: पालघर, यवतमाल, गढ़चिरोली, धुले, रायगढ़, संभाजीनगर, चंद्रपुर, नांदेड़ और बीड।
बिहार के 7 जिले: मधुबनी, दरभंगा, बांका, गया, सिवान, किशनगंज और नवादा।
इसके अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान के 8-8 जिले, तथा आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के 4-4 जिले शामिल किए गए हैं।
जिलों के चयन के पैमाने
योजना के लिए ऐसे जिलों को चुना गया है:
जहां कृषि उत्पादकता कम है।
किसानों को अल्पावधि कृषि ऋण की पहुंच सीमित है।
भूमि उपयोग (Land Use) और फसल सघनता कम है।
जहां किसान साल में कम फसलें ले पाते हैं।
ऐसे जिलों को अब विकसित कृषि क्षेत्रों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
ऐसे चलेगी योजना
हर जिले में जिला कृषि विकास योजना (District Agricultural Development Plan) बनाई जाएगी।
केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर तीन स्तरीय मॉनिटरिंग सिस्टम होगा।
100 जिलों में केंद्रीय नोडल अधिकारी (CNOs) की नियुक्ति की गई है।
केंद्र सरकार राज्यों को फंड देगी, जिसे जिला प्रशासन के माध्यम से खर्च किया जाएगा।
निजी क्षेत्र की भूमिका
इस योजना में सरकार ने निजी निवेश को बढ़ावा देने की घोषणा की है –
फसल विविधीकरण, वैल्यू एडिशन और भंडारण के लिए कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज और लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने पर जोर रहेगा।
FPOs, सहकारी समितियां और महिला समूहों (SHGs) को जोड़ा जाएगा।
महिला और छोटे किसानों को प्राथमिकता
योजना में छोटे और सीमांत किसानों को क्लस्टर मॉडल के तहत जोड़ा जाएगा।
महिला किसानों को विशेष लाभ — योजना को ‘ड्रोन दीदी’, ‘लखपति दीदी’, ‘बीसी सखी’, ‘पशु सखी’, ‘कृषि सखी’ जैसे कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा।
किसानों को सस्ता कृषि ऋण, तकनीकी प्रशिक्षण, और कृषि उपकरणों पर सहायता मिलेगी।
योजना का फोकस क्षेत्र
फसल विविधीकरण: अनाजों के साथ दलहन, तिलहन और बागवानी फसलों की ओर प्रोत्साहन।
पशुपालन और मत्स्यपालन को विशेष समर्थन।
भंडारण, सिंचाई और पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन में सुधार।
प्राकृतिक खेती और जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकों को बढ़ावा।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली योजना साबित हो सकती है। इससे किसानों को न सिर्फ उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें बाजार से बेहतर दाम, भंडारण सुविधा और तकनीकी सहायता भी मिलेगी।