क्या आप कम लागत में खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए है! फरवरी और मार्च का महीना तोरई की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह फसल सिर्फ 50 दिनों में तैयार हो जाती है और किसानों को बंपर मुनाफा देती है। बाजार में इसकी भारी मांग रहती है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिलता है। खास बात यह है कि इसकी खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता और उत्पादन अधिक होने से किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं।
तो आखिर कौन-सी किस्म सबसे बेहतर है? कैसे करें इसकी खेती? और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए क्या करें? आइए जानते हैं पूसा सुप्रिया तोरई की खेती के बारे में विस्तार से।
पूसा सुप्रिया तोरई एक उन्नत किस्म है, जिसे कृषि वैज्ञानिकों ने अधिक उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को ध्यान में रखकर विकसित किया है। यह किस्म जल्दी तैयार होती है, जिससे किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
1. भूमि का चयन:
तोरई की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा अधिक होनी चाहिए और pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
2. खेत की तैयारी:
खेती से पहले खेत की गहरी जुताई करें और उसमें गोबर की खाद या जैविक खाद डालें। इससे मिट्टी उपजाऊ बनेगी और फसल की वृद्धि बेहतर होगी। बीज बोने से पहले खेत में 25-30 टन गोबर की खाद डालना फायदेमंद होता है।
3. बीज की बुवाई:
बीज की बुवाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें। प्रति एकड़ करीब 2-3 किलोग्राम बीज पर्याप्त होते हैं। बीजों को 1.5 से 2.5 मीटर की दूरी पर बोना चाहिए। बीजों को जैविक उपचार देने से फसल को रोगों से बचाया जा सकता है।
4. सिंचाई और देखभाल:
तोरई की फसल को समय-समय पर पानी देने की जरूरत होती है। हर 5-7 दिन में सिंचाई करें ताकि फसल तेजी से बढ़ सके। खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना जरूरी है। फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें।
50 दिनों में फसल तैयार, होगी लाखों की कमाई:
पूसा सुप्रिया तोरई की फसल केवल 50 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती है।
उत्पादन क्षमता:
एक हेक्टेयर भूमि में करीब 140 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त हो सकता है। यदि बाजार में तोरई की कीमत 12-15 रुपये प्रति किलो रहती है, तो किसान आसानी से 1.5 से 2 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
कम लागत, ज्यादा मुनाफा
तोरई की खेती में लागत कम आती है, क्योंकि यह जल्दी तैयार हो जाती है। इसके अलावा, बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे किसानों को अच्छा दाम मिल सकता है।
अगर आप कम लागत में अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो पूसा सुप्रिया तोरई की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
✅ 50 दिनों में फसल तैयार
✅ रोग प्रतिरोधक और अधिक पैदावार वाली किस्म
✅ बाजार में हमेशा भारी मांग
✅ कम लागत में 1.5 से 2 लाख रुपये की कमाई
इसलिए, अगर आप खेती से अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं, तो इस सीजन में पूसा सुप्रिया तोरई की खेती जरूर करें और अपनी आमदनी बढ़ाएं!