Wheat prices today: गेहूं के रेट में रिकॉर्ड तोड़ तेजी, 3200 तक जा सकते हैं भाव, रिपोर्ट से जानें आगे क्या होगा

Wheat prices today: गेहूं के रेट में रिकॉर्ड तोड़ तेजी, 3200 तक जा सकते हैं भाव, रिपोर्ट से जानें आगे क्या होगा

गेहूं के भावों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी

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कृषि दुनिया
  • 04 Jan, 2025 11:30 AM IST ,
  • Updated Sat, 04 Jan 2025 12:30 PM

भारत में गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह स्थिति न केवल किसानों और व्यापारियों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी चिंता का विषय बन चुकी है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद, गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करना कठिन साबित हो रहा है। आइए जानते हैं कि वर्तमान हालात क्या हैं और भविष्य में क्या बदलाव संभावित हैं।

गेहूं के दामों में बढ़ोतरी Increase in wheat prices:

  1. मांग और आपूर्ति का असंतुलन
    बाजार में गेहूं की उपलब्धता में कमी ने कीमतों को बढ़ा दिया है। कुछ समय पहले जहां गेहूं ₹3100 प्रति क्विंटल पर बिक रहा था, वहीं अब यह ₹3165 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है।
  2. सरकारी योजनाओं की सीमित प्रभावशीलता
    सरकार ने छोटी मिलों को 25 टन और बड़ी मिलों को 100 टन गेहूं बेचने की योजना बनाई है। हालांकि, यह मात्रा इन मिलों की जरूरतों के मुकाबले काफी कम है।
  3. नई फसल का इंतजार
    फसल आने में अभी समय है। जब तक नई फसल बाजार में नहीं आती, तब तक कीमतों को स्थिर करना मुश्किल होगा।

विभिन्न मंडियों में गेहूं के भाव Wheat prices in different markets:

देशभर की मंडियों में गेहूं के भाव अलग-अलग हैं। यहां प्रमुख मंडियों के वर्तमान भाव दिए गए हैं:

मंडीगेहूं के भाव (₹ प्रति क्विंटल)
दिल्ली मंडी3165
सिरसा मंडी2850
ऐलनाबाद मंडी2911
भुना मंडी3060
सीतापुर मंडी2880
गोंडा मंडी2930-2990
करनाल मंडी3060
प्रयागराज मंडी2980-2990
जयपुर मंडी3130-3150

गेहूं की बुवाई और MSP में बढ़ोतरी Wheat sowing and increase in MSP:

सरकार ने गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹150 बढ़ाकर ₹2425 प्रति क्विंटल कर दी है। साथ ही, इस बार बुवाई क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले 6 लाख हेक्टेयर की वृद्धि का अनुमान है।

महंगाई का असर और उपभोक्ता की चिंता:

गेहूं एक अनिवार्य खाद्यान्न है, जिसकी बढ़ती कीमतों का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। यदि समय रहते कीमतों पर काबू नहीं पाया गया, तो उपभोक्ता को महंगाई का बड़ा झटका झेलना पड़ेगा।

सरकार के लिए संभावित कदम:

  1. आपूर्ति बढ़ाना:
    बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकारी भंडार से अधिक मात्रा में अनाज जारी करना होगा।
  2. मिलों की सहायता:
    छोटी और बड़ी मिलों के लिए आपूर्ति की मात्रा में वृद्धि करनी होगी।
  3. निर्यात पर रोक:
    घरेलू बाजार में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने जैसे कदम उठाने की जरूरत है।

क्या गेहूं के दाम 3200 पार करेंगे?

वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में गेहूं के दाम ₹3200 प्रति क्विंटल का आंकड़ा पार कर सकते हैं।

भारत में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। सही समय पर ठोस कदम उठाकर ही कीमतों को स्थिर किया जा सकता है। अन्यथा, यह समस्या आम जनता के लिए गंभीर आर्थिक संकट का कारण बन सकती है।

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