मध्यप्रदेश में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने किसानों को 2,000 रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की यह घोषणा राज्य के लाखों किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी। इससे खासकर छोटे और आर्थिक रूप से कमजोर किसान धान की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
यह बोनस राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी और इसे इस साल ही किसानों के खाते में भेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा उमरिया जिले के नौरोजाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा के अनावरण अवसर पर की।
धान के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने गेहूं किसानों के लिए भी एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने गेहूं की खरीद 2,600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करने का फैसला लिया। इसके अलावा, राज्य सरकार इस बार किसानों को गेहूं पर 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का भी निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन राज्य सरकार MSP के अतिरिक्त 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस किसानों को देगी।
राज्य सरकार ने किसानों के लिए सोलर पंप योजना भी शुरू की है, जिससे वे 24 घंटे सिंचाई कर सकेंगे और बिजली बिल के बोझ से राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सरकार ने 169 किसानों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ये किसान 100 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके सरकार को 3.25 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बेचेंगे। चयनित किसानों को 21 और 22 फरवरी 2025 को औपचारिक समझौता करना होगा।
डेयरी किसानों के लिए बोनस और समर्थन:
राज्य सरकार ने डेयरी किसानों के लिए भी एक और बड़ा कदम उठाया है। अब सरकारी डेयरियों में दूध की खरीद पर प्रति लीटर 5 रुपये का बोनस दिया जाएगा। यह कदम पंजीकृत डेयरी किसानों के लिए लाभकारी होगा।
डेयरी किसानों के लिए बोनस और गौ-पालन पर अनुदान:
मुख्यमंत्री की अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं:
इन घोषणाओं के साथ, राज्य सरकार का उद्देश्य किसानों और आम लोगों की जीवनशैली में सुधार लाना है। इन योजनाओं से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि पूरे राज्य में विकास की नई दिशा मिलेगी।