Wheat variety: गेहूं की देर से बुआई करने वालों के लिए गेहूं की बेहतरीन किस्में, मिलेगी बंपर पैदावार और होगा तगड़ा मुनाफा

Wheat variety: गेहूं की देर से बुआई करने वालों के लिए गेहूं की बेहतरीन किस्में, मिलेगी बंपर पैदावार और होगा तगड़ा मुनाफा

गेहूं की सर्वोत्तम किस्में

kd-icon
कृषि दुनिया
  • 26 Nov, 2024 11:30 AM IST ,
  • Updated Tue, 26 Nov 2024 12:30 PM

धान की कटाई में देरी और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद इस साल गेहूं की बुआई का कार्य तेज़ी से हो रहा है। नवंबर के पहले सप्ताह तक लगभग 93% बुआई पूरी हो चुकी है। अब तापमान गेहूं की बुआई के लिए अनुकूल हो गया है, और किसान मशीन से बुआई करना अधिक पसंद कर रहे हैं।

गेहूं की फसल में अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए सही समय पर बुआई के साथ उपयुक्त किस्मों का चयन बेहद जरूरी है। यह लेख उन किसानों के लिए है, जिन्हें देर से बुआई करनी है। आइए जानते हैं कौन-सी किस्में बेहतर उपज दे सकती हैं।

ये भी पढें...  Wheat variety: कम पानी और उच्च तापमान में भी बेहतर उत्पादन देगी गेहूं की उन्नत किस्म CG 1040, जानें इसके लाभ और विशेषताएं

समय पर बुआई के लिए गेहूं की सर्वोत्तम किस्में Best varieties of wheat for timely sowing:

उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र (एनडब्ल्यूपीजेड):

  • डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 222, एचडी 3406, पीबीडब्ल्यू 826, पीबीडब्ल्यू 3226, एचडी 3086 और डब्ल्यूएच 1105 प्रमुख गेहूं की किस्में हैं, जो उच्च उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए जानी जाती हैं और खासकर भारत में उगाई जाती हैं।
  • इन किस्मों को 20 नवंबर तक सिंचित क्षेत्रों में बोया जा सकता है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त।

पूर्वी क्षेत्र (एनईपीजेड):

  • डीबीडब्ल्यू 187, पीबीडब्ल्यू 826, एचडी 3411, डीबीडब्ल्यू 222, एचडी 3086, के 1006।
  • बिहार, बंगाल, झारखंड और पूर्वी यूपी के लिए उपयुक्त।

मध्य क्षेत्र (सीजेड):

  • डीबीडब्ल्यू 303, डीबीडब्ल्यू 187, एचआई 1636, एमएसीएस 6768, और जीडब्ल्यू 366 प्रमुख गेहूं की किस्में हैं, जो उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती हैं।
  • मध्य प्रदेश, गुजरात, और राजस्थान के लिए उपयुक्त।

पश्चिमी क्षेत्र (पीजेड):

  • डीबीडब्ल्यू 168, एमएसीएस 6478, यूएएस 304, एमएसीएस 6222।
  • महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों के लिए अनुशंसित।

देर से बुआई के लिए गेहूं की किस्में Wheat varieties for late sowing:

सीजेड क्षेत्र

  • डीबीडब्ल्यू 261, पीबीडब्ल्यू 752, एचडी 3407, एचआई 1634, सीजी 1029, एमपी 3336।
  • मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में 30 नवंबर तक बुआई के लिए उपयुक्त।

बहुत देर से बुआई के लिए गेहूं की किस्में Wheat varieties for very late sowing:

  • एचडी 3271, एचआई 1621, डब्ल्यूआर 544।
  • सभी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त और सिंचाई की सुविधा के साथ अधिक उपज देती हैं।

बीज दर और उर्वरक प्रबंधन Seed Rates and Fertilizer Management:

समय पर बुआई:

  • बीज दर: 100 किग्रा/हेक्टेयर।
  • उर्वरक: 150:60:40 एनपीके। पहली सिंचाई के समय 1/3 नाइट्रोजन और बाकी पहली व दूसरी सिंचाई में दें।

देर से बुआई:

  • बीज दर: 125 किग्रा/हेक्टेयर।
  • उर्वरक: 120:60:40 एनपीके।

बहुत देर से बुआई:

  • बीज दर: 125 किग्रा/हेक्टेयर।
  • उर्वरक: 90:60:40 एनपीके।

गेहूं की बुआई के लिए किसानों के लिए सुझाव:

  1. समय पर बुआई करें: फसल को परिपक्वता के समय गर्मी के प्रभाव से बचाने के लिए समय पर बुआई करें।
  2. विश्वसनीय बीज का चयन करें: बीज केवल प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदें।
  3. सिंचाई और पोषण: सिंचाई का समय और उर्वरकों का सही मात्रा में उपयोग करें।
  4. तकनीकी मदद लें: अगर संभव हो, तो कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेकर उपयुक्त किस्मों का चयन करें।
  5. जल बचाएं: लागत और जल संरक्षण के लिए मशीनों का उपयोग करें।

निष्कर्ष: देर से बुआई करने वाले किसानों के लिए भी अच्छी उपज प्राप्त करना संभव है। सही किस्मों का चयन, उर्वरक और सिंचाई प्रबंधन से किसान अपनी पैदावार को बढ़ा सकते हैं। इस लेख में दी गई जानकारी का पालन करें और अपनी गेहूं की फसल से भरपूर उत्पादन प्राप्त करें।

ये भी पढें... Wheat varieties: आधी कीमत में गेहूं की 11 शानदार किस्में, उत्पादन बढ़ाएं, लागत घटाएं

Advertisement
Advertisement