मक्के की फसल पर हमला कर रहे ये दो कीट – राहत पाने के लिए आज़माएं ये सटीक उपाय

मक्के की फसल पर हमला कर रहे ये दो कीट – राहत पाने के लिए आज़माएं ये सटीक उपाय

मक्के की फसल पर हमला कर रहे ये दो कीट

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कृषि दुनिया
  • 10 Jul, 2025 12:45 PM IST ,
  • Updated Thu, 10 Jul 2025 12:54 PM

खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों में से एक मक्का (Maize Crop) इन दिनों 10 से 12 दिन की अवस्था में है। लगातार हो रही बारिश और खेतों में जलभराव की स्थिति के कारण कई स्थानों पर मक्के की फसल पर कीटों का प्रकोप बढ़ गया है। हाल ही में कृषि विभाग की टीम ने खेतों का निरीक्षण किया और पाया कि मक्के में फॉल आर्मी वर्म और सैनिक कीट (Armyworm and Cutworm) का प्रकोप तेजी से फैल रहा है।

कृषि विभाग ने किसानों को इन कीटों से फसल को बचाने के लिए आवश्यक कीटनाशकों और सावधानियों की जानकारी दी है, जिसे अपनाकर किसान अपनी फसल को नुकसान से बचा सकते हैं।

1. मक्के की फसल में फॉल आर्मी वर्म (Fall Armyworm) का प्रकोप

फॉल आर्मी वर्म (Spodoptera frugiperda) मक्का फसल का एक घातक कीट है। यह कीट मुख्यतः मक्के की पत्तियों, बालियों और कल्लों को खाकर फसल को काफी हानि पहुंचाता है। इससे मक्के की उपज में भारी गिरावट आ सकती है।

फॉल आर्मी वर्म का जैविक नियंत्रण

  • इस कीट के प्राकृतिक शत्रुओं में परजीवी ततैया और मकड़ियाँ शामिल हैं, जिनका प्रयोग प्राकृतिक जैविक नियंत्रण में किया जा सकता है।
  • ट्राइकोग्रामा कार्ड का उपयोग भी इस कीट के अंडों को नष्ट करने में सहायक होता है।

फॉल आर्मी वर्म का रासायनिक नियंत्रण

कृषि विभाग द्वारा निम्नलिखित कीटनाशकों के उपयोग की सलाह दी गई है:

  • साइपरमेथ्रिन (Cypermethrin)
  • डेल्टामेथ्रिन (Deltamethrin)
  • क्लोरपाइरीफॉस (Chlorpyrifos)
    इन दवाओं का सिफारिश अनुसार मात्रा में छिड़काव करने से कीट नियंत्रण में मदद मिलती है।

निवारक उपाय

  1. फसल चक्र (Crop Rotation) – मक्का के स्थान पर वैकल्पिक फसलों को अपनाने से इस कीट का जीवनचक्र टूटता है।
  2. प्रतिरोधी किस्में – फॉल आर्मी वर्म के प्रति प्रतिरोधी मक्का की किस्में बोकर फसल को बचाया जा सकता है।

2. सैनिक कीट (Cutworm) का प्रकोप और उसका समाधान

सैनिक कीट भी मक्के की बालियों को काटकर फसल को नुकसान पहुँचाता है। यह कीट रात में सक्रिय होता है और मक्का के नवविकसित हिस्सों को खाता है।

सैनिक कीट का नियंत्रण उपाय

कृषि विभाग द्वारा किसानों को निम्नलिखित उपाय अपनाने की सलाह दी गई है:

  • थायोमेथॉक्साम + क्लोरोएंट्रानीलीप्रोल (Thiamethoxam + Chlorantraniliprole)
    • मात्रा: 2.5 किग्रा प्रति एकड़
    • उपयोग विधि: 4-6 दाने मक्का की पिंगली (Leaf whorl) में डालें।
  • फ्लूबेंडा माईट 480 एससी (Flubendiamide 480 SC)
    • मात्रा: 60 मिली प्रति एकड़, पर्णीय छिड़काव के लिए।
  • स्पाइनासेड 45 एससी (Spinosad 45 SC)
    • मात्रा: 80 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें।

3. मक्का व सोयाबीन के लिए फफूंदनाशी नियंत्रण उपाय

फफूंद रोगों से मक्का और सोयाबीन को सुरक्षित रखने के लिए कृषि विभाग ने टेब्यूकोनाजोल + सल्फर दवा के उपयोग की सलाह दी है:

  • मात्रा: 400 ग्राम प्रति एकड़
  • प्रयोग विधि: पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें।

4. कृषि विशेषज्ञों की टीम की सलाह

इस निरीक्षण में कृषि विभाग की वरिष्ठ टीम उपस्थित रही:

  • एसडीओ कृषि – रचना पटेल
  • सहायक संचालक – रामकृष्ण मंडलोई
  • वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी – संगीता डाबर
  • कृषि विस्तार अधिकारी – नेहा बराडे
  • कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक – डॉ. एमके बंकोलिया

इन अधिकारियों ने किसानों को मक्के की फसल को सुरक्षित रखने और कीटों के बढ़ते प्रकोप से बचने के लिए उपयुक्त उपाय अपनाने की सलाह दी है।

निष्कर्ष

मक्के की फसल में फॉल आर्मी वर्म और सैनिक कीट का प्रकोप समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो भारी नुकसान हो सकता है। कृषि विभाग द्वारा बताए गए जैविक और रासायनिक उपायों को अपनाकर किसान अपने खेतों को सुरक्षित रख सकते हैं।

साथ ही, फसल चक्र और प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग जैसे निवारक उपायों को अपनाकर भविष्य में इस तरह के कीट हमलों से बचाव किया जा सकता है। किसान यदि सुझाए गए कीटनाशकों का सटीक मात्रा में और सही समय पर उपयोग करें, तो फसल की गुणवत्ता और उपज दोनों में सुधार संभव है।

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