इन दिनों आम के बागानों में मधुआ कीट और लाल धारीदार फल बेधक कीट का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। यदि समय रहते इनकी पहचान और नियंत्रण न किया जाए तो आम की फसल को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे कीट प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें और समय-समय पर कीटनाशकों का उचित छिड़काव करें।
गर्मी बढ़ने और वातावरण में नमी की कमी के कारण आम के बागानों में कीटों का हमला ज्यादा देखने को मिल रहा है। इस समय मधुआ कीट और लाल धारीदार फल बेधक आम की पैदावार और गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे में किसानों को चाहिए कि वे बाग की सफाई, सिंचाई और पौधों की नियमित निगरानी करें।
मधुआ कीट, जिसे भूरा तना मधुआ भी कहा जाता है, आम की पत्तियों, मंजर और तनों का रस चूसता है। इसके कारण मंजर सूख जाते हैं और फल का विकास रुक जाता है। मधुआ के प्रकोप से पत्तियों और फलों पर शहद जैसा चिपचिपा पदार्थ जम जाता है, जिस पर फफूंदी लगती है। इससे फल की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ता है और फसल खराब हो जाती है।
मधुआ कीट से फसल को बचाने के लिए किसान इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. को 1 मिलीलीटर प्रति 3 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इसके अलावा एसीफेट 75 एस.पी. को 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना भी प्रभावी उपाय है। यह छिड़काव सुबह या शाम के समय करें, जब धूप तेज न हो।
लाल धारीदार फल बेधक: आम का छुपा दुश्मन:
लाल धारीदार फल बेधक आम के फलों में सुरंग बनाकर गुठली तक पहुंच जाता है। यह कीट फल को भीतर से खराब कर देता है, जिससे फल सड़ने लगते हैं और समय से पहले गिर जाते हैं। इसके कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।
फल बेधक से बचाव के तरीके: इस कीट से बचाव के लिए जनवरी महीने में ही आम के तने पर क्लोरपायरिफास और साइपरमेथ्रिन मिश्रण का छिड़काव करें। यदि यह छिड़काव नहीं कर पाए हों, तो जब फल मटर के आकार के हों, उस समय अल्फामेथ्रिन 10 ईसी की 1 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। दूसरा छिड़काव 15 से 20 दिन के अंतराल पर अवश्य करें।
साफ-सफाई और सिंचाई का रखें ध्यान: बाग में गिरे हुए पत्तों, खराब फलों और संक्रमित शाखाओं को समय पर साफ करें। नियमित सिंचाई से मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे पौधे मजबूत रहते हैं और कीटों का प्रकोप कम होता है। अच्छी बागवानी प्रथाओं से कीटों के नियंत्रण में काफी मदद मिलती है।
मधुआ और लाल धारीदार फल बेधक जैसे कीट आम की फसल को भारी नुकसान पहुँचा सकते हैं। परंतु यदि समय पर सही कीटनाशकों का छिड़काव, सिंचाई और बाग की सफाई की जाए, तो इनकीटों से होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है। किसान भाइयों को चाहिए कि वे इन उपायों को अपनाकर अपनी आम की फसल को सुरक्षित रखें और अच्छी पैदावार सुनिश्चित करें।